★ राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने वर्ष 2017-18 के दौरान भारत में पंजीकृत आपराधिक रिकॉर्ड के आंकड़े जारी किए हैं।
★ पूरे देश में हुए अपराधों में से सबसे ज्यादा 10.1 प्रतिशत अपराध केवल उत्तर प्रदेश में ही हुए हैं।
★ NCRB रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में देश भर में संज्ञेय अपराध के 50 लाख मामले दर्ज किए गये थे।
★ रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान हत्या के मामलों में 3.6 प्रतिशत की कमी आई है. जबकि अपहरण के मामले 9 प्रतिशत बढ़ गये है।
★ रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित करीब 27.9 प्रतिशत मामले पति या उसके परिजनों की क्रूरता के खिालफ दर्ज किये गये थे।
★ महिलाओं के खिलाफ अपराध की कुल संख्या 3,59,849 मामले हैं, जबकि उत्तर प्रदेश 56,011 मामलों के साथ शीर्ष पर है।
★ महाराष्ट्र 31,979 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर तथा पश्चिम बंगाल 30,002 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।
★ महिला की शालीनता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से हमला करने के खिलाफ करीब 21.7 प्रतिशत आपराधिक मामले दर्ज हुए।
★ इसी तरह महिलाओं के विरुद्ध कुल अपराधों में करीब 20.5 प्रतिशत केस अपहरण के दर्ज किये गये।
★ आईपीसी के तहत वर्ष 2017 में देश में कुल 30,62,579 केस दर्ज हुए, जबकि वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 29,75,711 था. इस मामले में उत्तर प्रदेश (यूपी) सबसे ऊपर है जहां 3,10,084 केस दर्ज हुए जो देश का 10.1 प्रतिशत है. यूपी के बाद महाराष्ट्र (9.4 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.8 प्रतिशत), केरल (7.7 प्रतिशत) और दिल्ली (7.6 प्रतिशत) हैं।
★ वर्ष 2016 में 1,06,958 केस दर्ज हुए जो वर्ष 2017 में करीब 28 प्रतिशत बढ़कर 1,29,032 हो गये।
★ इस मामले में, यूपी पहले स्थान पर है, जहां ऐसे मामले वर्ष 2016 की अपेक्षा 19 प्रतिशत ज्यादा दर्ज हुए।
★ यूपी में कुल 19,145 मामले दर्ज किये गये थे. जबकि एमपी में 19,038 मामले, महाराष्ट्र में 16,918 मामले, दिल्ली में 7852 और छत्तीसगढ़ में 6518 मामले दर्ज किये गये।
★ NCRB के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में हत्या के कुल 28,653 मामले सामने आए।
★ उत्तर प्रदेश में 2016 की तुलना में इसमें कमी आयी है, इसके बावजूद वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश इस मामले में शीर्ष स्थान पर रहा. जबकि बिहार में इस आंकड़े में वृद्धि हुई है।
★ केंद्र शासित प्रदेशों में हत्या के सबसे अधिक मामले नयी दिल्ली में दर्ज किये गये ।
★ आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और संबंधित धाराओं में कुल 4062 मामले दर्ज हुए. इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किये गये।
★ हालांकि सबसे ज्यादा वृद्धि कर्नाटक में हुई. वहीं सिक्किम अकेला ऐसा राज्य रहा जहां एक भी केस दर्ज नहीं हुआ।
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