मंगलवार, 14 जनवरी 2025

फर्रुखसियर (1713-1719 ई०)

 


  • 11 फरवरी, 1713 को जहांदारशाह की हत्या कर दी गई और फर्रुखसियर को अगला सम्राट बना दिया गया। 
  • फर्रुखसियर को मुगल सिंहासन सैय्यद बंधुओं-अब्दुल्ला खां और हुसैन अली खां बराहा के सहयोग से प्राप्त हुआ था। 
  • सैय्यद बंधु हिन्दुस्तानी गुट के अमीर थे, सैय्यद बंधु को सम्मानित करने के लिए फर्रुखसियर ने अब्दुल्ला खां को साम्राज्य के वजीर के पद दिया तथा हुसैन अली को मीरबख्शी पद पर नियुक्त किया। 
  • उत्तरोत्तर मुगल काल में अमीरों के विभिन्न गुटों की शासक निर्माता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका थी, इस समय ईरानी, तूरानी तथा हिन्दुस्तानी गुट के अमीर मुगल राज दरबार में सक्रिय थे।
  • फर्रुखसियर ने तूरानी गुट के एक अन्य अमीर निजामुलमुल्क अथवा चिनकिलिच खां को दक्कन के छ: मुगल सूबों की सूबेदारी प्रदान की इसने औरंगाबाद को अपना मुख्यालय बनाया।
  • तूरानी अमीर मध्य एशियायी मूल के थे। ईरानी अमीर फारस और खुरासान मूल के थे तथा हिन्दुस्तानी अमीर विदेशी मूल के वे मुसलमान थे जिनका जन्म हिन्दुस्तान में हुआ था।
  • कालांतर में फर्रुखसियर ने जुल्फिकार खां की हत्या करवा दी।
  • सैय्यद बंधुओं ने मारवाड़ के राजा अजीत सिंह के विरुद्ध सैन्य अभियान करके उसे पराजित किया तथा अजीत सिंह ने अपनी पुत्री का विवाह फर्रुखसियर से किया था।
  • 1719 में सैय्यद बंधुओं में हुसैन अली खां ने तत्कालीन मराठा पेशवा बालाजी विश्वनाथ से ‘दिल्ली की संधि' की जिसके तहत मुगल साम्राज्य में प्रभुसत्ता के लिए हो रहे संघर्ष में मराठे सैन्य सहायता देंगे, बदले में उन्हें ढेर सारी रियायतें दी जायेंगी।
  • सैय्यद बंधुओं के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से फर्रुखसियर उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचने लगा, षड्यंत्र का समय से पहले पता चलने पर सैय्यद बंधुओं ने मराठा पेशवा बालाजी विश्वनाथ, मारवाड़ के अजीत सिंह के सहयोग से 19 जून, 1719 को फर्रुखसियर को सिंहासन से अपदस्थ कर हत्या करवा दी।
  • फर्रुखसियर को दुर्बल, कायर और निन्दनीय होने के कारण घृणित कायर कहा गया।
  • सिख नेता बंदाबहादुर की फर्रुखसियर के समय में हत्या कर दी गई।
  • फर्रुखसियर की हत्या और मुहम्मदशाह के बादशाह बनने के बीच सैय्यद बंधुओं ने रफीउद्दौला, रफीउद्दरजात को मुगल बादशाह बनाया। रफीउदद्दौला 'शाहजहां द्वितीय' की उपाधि के साथ मुगल राजसिंहासन, पर बैठा।
  • रफीउस्शान के दोनों पुत्रों की मृत्यु के बाद शाहजहां द्वितीय के पुत्र रौशन अख्तर को सैय्यद बंधुओं ने अगला मुगल बादशाह बनाया।

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