मंगलवार, 14 जनवरी 2025

नादिरशाह का आक्रमण (1739 ई०)

 


  • 1738-39 के बीच मुहम्मदशाह के शासन काल में फारस के शासक नादिरशाह ने  भारत पर आक्रमण किया।
  • 'ईरान के नेपोलियन' के नाम से प्रसिद्ध नादिरशाह के भारत आक्रमण के समय मुहम्मदशाह ने उसके आक्रमण को रोकने के लिए निजामुलमुल्क, कमरुद्दीन खां और खान-ए-दौरां के नेतृत्व में सेना भेजा, जिसमें बाद में सआदत खां भी शामिल हो गया था।
  • 13 फरवारी, 1739 को हुए करनाल के युद्ध में मुगल सेना बुरी तरह पराजित हुई, फिर भी निजामुलमुल्क ने 50 लाख रुपये हर्जाने के रूप में देकर नादिरशाह को वापस जाने के लिए सहमत कर लिया।
  • अवध के नवाब सआदत खां ने नादिरशाह को सलाह दी कि वह बादशाह मुहम्मदशाह और निजाम को बंदी बना ले तथा राजधानी दिल्ली में संचित अपार खजाने को प्राप्त करे। 
  • 20 मार्च, 1739 ई० को दिल्ली में प्रवेश कर नादिरशाह ने अपने चंद सैनिकों के मृत्यु के बदले भयंकर कत्लेआम का आदेश दिया, जिसमें 20,000 के करीब लोगों को कत्ल कर दिया गया। 
  • नादिरशाह दिल्ली में कुल 57 दिन तक रहा और लगातार लूट पाट करता रहा। इसने प्रसिद्ध मुगल राजसिंहासन 'तख्त-ए-ताऊस' (शाहजहाँ द्वारा निर्मित) तथा मुगल ताज में लगे विश्व के सर्वाधिक मंहगे हीरे 'कोहिनूर' भी वापस जाते समय अपने साथ ले गया।
  • 1739 में वापसी के समय नादिरशाह ने तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा के साथ मुहम्मदशाह द्वारा तैयार करवायी गई हिन्दू संगीत की प्रसिद्ध चित्रित फारसी पांडुलिपि को भी अपने साथ ले गया।
  • 1739 में नादिरशाह भारत से वापस  गया और 1747 में नादिरशाह की मृत्यु हो गई। 
  • मुहम्मदशाह के ही शासन काल में 1748 ई० में नादिरशाह के उत्तराधिकारी अहमदशाह अब्दाली ने  भारत पर आक्रमण किया। 
  • अवध के नवाब सआदत खां से नादिरशाह ने 20 करोड़ रुपये की मांग की जिसे न दे पाने पर सआदत खां ने विष खाकर आत्महत्या कर ली। 
  • अहमदशाह अब्दाली को 'दुर्रे दुर्रानी' (युग का मोती) कहा गया।
  • नादिरशाह ने उसके बारे में कहा था कि "अब्दाली जैसे चरित्र का व्यक्ति सारे ईरान, तूरान और हिन्दूस्तान में नहीं देखा।" 
  • 1748 में 'अब्दाली ने लगभग 50,000 सैनिकों के साथ पंजाब पर आक्रमण किया जो असफल रहा, पुनः उसने 1749 में पंजाब पर आक्रमण कर सूबेदार मुइनुलमुल्क को पराजित किया।
  • मार्च 1748 को मच्छीवाड़ा के समीप मनपुर में अब्दाली की सेना को शाहजादा अहमदशाह (मुहम्मदशाह के पुत्र) ने पराजित किया।
  • मुहम्मदशाह को अधिक समय हरम तथा हिजड़ों में बिताने तथा उसके असंयत और विलासी आचरण के कारण 'रंगीला' कहा गया।
  • 26 अप्रैल, 1748 को मुहम्मदशाह की मृत्यु के बाद अगला मुगल बादशाह अहमदशाह हुआ। 

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