- 19 जून, 1719 को फर्रुखसियर की हत्या के बाद सितम्बर, 1719 को रौशन अख्तर सैय्यद बंधुओं के सहयोग से 'मुहम्मदशाह' की उपाधि के साथ मुगल राजसिंहासन पर बैठा।
- मुहम्मदशाह के शासनकाल में निजामुलमुल्क के नेतृत्व में सैय्यद बंधुओं के खिलाफ षड्यंत्र की शुरुआत हुई।
- 1722 में निजामुल मुल्क ने सैय्यद बंधुओं की हत्या करवा दी।
- 1722 में मुहम्मदशाह ने चिनकिलिच खां अथवा निजामुल मुल्क को वजीर के पद पर नियुक्त किया, लेकिन 1724 को निजामुल मुल्क बादशाह के शंकालू स्वभाव और दरबार में हो रहे निरन्तर झगड़ों, षड्यंत्रों से तंग आकर वजीर का पद छोड़कर दक्कन वापस चला गया।
- 1724 में चिनकिलिचखां ने दक्कन में स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना की, मुहम्मदशाह ने उसकी स्वतंत्रता को मान्यता देते हुए उसे 'आसफजाह' की उपाधि प्रदान किया।
- मुहम्मदशाह के शासनकाल में बंगाल' (मुर्शीद कुली खां), अवध (सआदतखां), हैदराबाद (निजामुल मुल्क), भरतपुर तथा मथुरा (बदनसिंह) तथा गंगा-यमुना के दोआब में कटेहर रूहेलों के नेतृत्व में और फर्रुखाबाद के बंगश नवाबों ने अपनी स्वतंत्र सत्ता की घोषणा कर दी।
- 1737 में बाजीराव प्रथम के नेतृत्व में मराठा सेनायें शक्ति प्रदर्शन हेतु दिल्ली के पार्श्व तक पहुंच गई। मुहम्मद शाह ने 1720 ई० में वसूल किये जाने वाले जजियाकर को अंतिम रूप से प्रतिबंधित कर दिया।
मंगलवार, 14 जनवरी 2025
मुहम्मदशाह (1719-1748 ई०)
Pariksha Pointer
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4:57 pm
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