बुधवार, 29 जनवरी 2025

जन आंदोलन (1757–1858 ई० के बीच) स्मरणीय तथ्य


  • जवाहरलाल नेहरू तथा आजाद हिंद फौज (सुभाष चंद्र बोस) ने गैडिनलियु को 'रानी' की उपाधि से सम्मानित किया।
  • 1828 में असम के अहोम अभिजात वर्ग के लोगों द्वारा अहोम विद्रोह किया गया।
  • खासी जनजाति के लोगों ने सरकार के हस्तक्षेप के विरुद्ध राजा वीर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। 
  • 19वीं शताब्दी में हुए वहाबी आंदोलन को 1857 ई० में हुए विद्रोह की तुलना में अधिक सुनियोजित, सुसंगठित और एकजुट माना जाता है। 
  • आदिवासी नेता बिरसा मुण्डा को ईश्वर का अवतार और जगतपिता माना जाता था, इसे 'उलगुलान' भी कहा जाता था।
  • महाराष्ट्र, मध्यप्रांत और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बने कानूनों के विरुद्ध जंगल सत्याग्रह चलाया गया।
  • बिहार और बंगाल में किसानों ने 'चौकीदारी टैक्स' न देने का आंदोलन चलाया।


 विद्रोह                                            नेता 

खोंड विद्रोह        चक्र विसोई, राणा कृष्ण दण्डसेन

संथाल विद्रोह      सिद्धू तथा कान्हू

पागलपंथी विद्रोह         टीपू

वहाबी विद्रोह        सैय्यद अहमद, अब्दुल वहाब

कूका विद्रोह          भगत जवाहरमल, रामसिंह

रामोसी विद्रोह       उमा जी 

मुण्डा विद्रोह          बिरसा मुण्डा

ताना भागत आन्दोलन   जतरा भगत, बलराम भगत

रम्पा विद्रोह            अल्लूरी सीताराम राजू

खासी विद्रोह          सरदार तीरत सिंह

फकीर विद्रोह         मजनूशाह, चिरागअली शाह  

नागा विद्रोह            रानी गैडिनलियु

चेंचू आदिवासी आंदोलन     मोतीलाल तेजावत



भारत में शिक्षा का विकास (ब्रिटिश काल में)

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