बुधवार, 29 जनवरी 2025

सीमांत आदिवासियों के विद्रोह, खासी विद्रोह, अहोम विद्रोह, नागा विद्रोह

 

खासी विद्रोह 

  • ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा खासी और जयन्तिया पहाड़ी पर अधिकार के बाद ब्रह्मपुत्र और सिलहट को जोड़ने के लिए एक सड़क के निर्माण की योजना बनाई गई जिसके लिए अनेक अंग्रेज और बंगाली उस क्षेत्र में आये। 
  • खासी जनजाति के लोगों ने सरकार के हस्तक्षेप के विरुद्ध राजा वीर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। 
  • 1833 के प्रारम्भ में खासी विद्रोह को कुचल दिया गया।

अहोम विद्रोह (1828 ई०)

  • 1828 में असम के अहोम अभिजात वर्ग के लोगों द्वारा अहोम विद्रोह किया गया।
  • अहोम अभिजात वर्ग के लोगों ने वर्मा युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के उनके क्षेत्र से वापस न जाने पर अपने नेता गोमधर कुंवर के नेतृत्व में विद्रोह किया। 
  • सरकार ने अहोम विद्रोह को शांत करने के लिए समझौता किया। 

नागा आंदोलन 

  • नागा आंदोलन की शुरुआत युवा रोंगमेई जदोनांग द्वारा की गई। 
  • इस आंदोलन का उद्देश्य सामाजिक एकता लाना, बेढंगे रीति-रिवाजों को खत्म करना तथा प्राचीन धर्म को पुनर्जीवित करना आदि था।
  • 29 अगस्त, 1931 को सरकार द्वारा जदोनांग को फांसी दे दी गई।
  • जदोनांग के बाद इस आंदोलन को 17 वर्षीय नागा महिला गैडिनलियु ने अपना नेतृत्व प्रदान किया।
  • गैडिनलियु ने अपने आदिवासी आंदोलन को गांधीजी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से जोड़ा और समर्थकों को कष्टकारी करों और कानूनों की अवज्ञा करने का आदेश दिया। 
  • जवाहरलाल नेहरू तथा आजाद हिंद फौज (सुभाष चंद्र बोस) ने गैडिनलियु को 'रानी' की उपाधि से सम्मानित किया।
  • रानी ने जदोनांग के धार्मिक विचारों के आधार पर 'हेरकापंथ' की स्थापना की।
  • बिहार और बंगाल में किसानों ने चौकीदारी टैक्स देने के विरोध में आंदोलन चलाया।
  • 'बकाश्त भूमि’ उस भूमि को कहते थे जो मंदी के दिनों में लगान न दे पाने के कारण, किसानों ने जमींदारों को दे दिया था। 
  • इस तरह की भूमि बिहार में पायी जाती थी।

जन आंदोलन (1757–1858 ई० के बीच) स्मरणीय तथ्य

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