शनिवार, 25 जनवरी 2025

ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (स्मरणीय तथ्य)

 

  • भूमि की स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था की शुरुआत लार्ड कार्नवालिस के समय हुई।
  • स्थायी बंदोबस्त से जॉन शोर तथा रैय्यतवाड़ी व्यवस्था से कैप्टनरीड तथा टॉमस मुनरो सम्बन्धित थे।
  • रजनी पाम दत्त की पुस्तक 'इंडिया टुडे' ने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के विभिन्न चरणों का उल्लेख मिलता है। 
  • 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा भारत में कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त कर दिया गया।
  • मद्रास के अध्यक्ष जॉन सुल्लिवान ने कहा कि "हमारी व्यवस्था बहुत कुछ स्पंज की तरह काम करती है। उसके जरिये गंगा तट से सारी अच्छी चीजों को सोख लिया जाता है और टेम्स नदी के किनारे ला कर उसे निचोड़ा जाता है।" 
  • 'धन के बहिर्गमन' का सिद्धान्त सर्वप्रथम दादाभाई नौरोजी ने अपने लेख 'इण्डिया डेब्ट टू इंग्लैण्ड' में प्रस्तुत किया। 
  • 1833 के चार्टर अधिनियम द्वारा कंपनी की भारत में सभी व्यापारिक गतिविधियां समाप्त कर दी गई।
  • भारत में सर्वाधिक ब्रिटिश पूंजी निवेश रेलवे, बैंकिंग, बीमा और जहाजरानी उद्योग में किया गया।
  • भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भयंकर अकाल 1876-78 में मद्रास, मैसूर, हैदराबाद, महाराष्ट्र, पश्चिमी संयुक्त प्रांत और पंजाब में पड़ा। 
  • भारत में रेलवे के निर्माण का प्रधान उद्देश्य था कच्चे माल को बंदरगाहों तक पहुंचाना।

भारत की प्रति व्यक्ति आय का अनुमान

अनुमानकर्ता    -  समय    - आय
  • दादाभाई नौरोजी -   1867-68         20रु०
  • लार्ड कर्जन             1901               30 रु०
  • विलियम डिग्बी                               18 रु०
  • वी० के० आर०वी० राव   1931-32   62 रु०

1857 का विद्रोह

Pariksha Pointer

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