★ ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) रिपोर्ट-2019 के अनुसार भारत में आज भी काफी भुखमरी मौजूद है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में एशियाई देशों में भारत की रैंकिंग सबसे खराब है.
★ ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में कुल 117 देशों को शामिल किया गया जिसमें भारत 102वें पायदान पर है।
★ यह दक्षिण एशियाई देशों का सबसे निचला स्थान है. भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे है।
★ इस रिपोर्ट में पाकिस्तान 94वें स्थान पर, बांग्लादेश 88वें स्थान पर, नेपाल 73वें स्थान पर और श्रीलंका 66वें स्थान पर है।
★ भारत इस रिपोर्ट में ब्रिक्स देशों में भी सबसे नीचे स्थान पर है. इस सूची में दक्षिण अफ्रीका 59वें स्थान पर है. चीन ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 25वें स्थान पर है।
★ GHI-2019 तैयार करने के लिए वर्ष 2014 से 2018 के आंकड़ों का उपयोग हुआ है।
★ ग्लोबल हंगर इंडेक्स में वर्ष 2014 के बाद से भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है. भारत वर्ष 2014 में 55वें स्थान पर था. वहीं भारत वर्ष 2015 में 80वें स्थान पर, वर्ष 2016 में 97वें स्थान पर, वर्ष 2017 में 100वें स्थान पर और वर्ष 2018 में 103वें स्थान पर था।
★ इस रिपोर्ट में भूख की स्थिति के आधार पर देशों को 0 से 100 अंक दिये गये है।
★ इस रिपोर्ट में 0 अंक सबसे अच्छा अर्थात भुखमरी की स्थिति नहीं होना है. रिपोर्ट में 10 से कम अंक का मतलब है कि देश में भुखमरी की बहुत कम समस्या है. इसी तरह, 20 से 34.9 अंक का मतलब भूख का गंभीर संकट है. 35 से 49.9 अंक का मतलब हालत बहुत ही चुनौतीपूर्ण है और 50 या इससे ज्यादा अंक का मतलब है कि देश में भूख की बहुत ही भयावह स्थिति है।
★ भारत को इस रिपोर्ट में 30.3 अंक मिला है. इस अंक का मतलब है कि भारत में भूख का गंभीर संकट है।
★ भारत में बच्चों में कुपोषण की स्थिति बहुत ही खराब है. देश में 20.8 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण शारीरिक विकास नहीं हो पाता, इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण ‘कुपोषण’ है।
★ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छह से 23 महीने की उम्र के सभी बच्चों में से केवल 9.6 फीसदी को न्यूनतम जरूरी आहार दिया जाता है।
★ यह रिपोर्ट किसी देश में कुपोषित बच्चों के अनुपात, पांच साल से कम आयु वाले बच्चे जिनका वजन या लंबाई उम्र के हिसाब से कम है और पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों में मृत्यु दर के आधार पर तैयार की जाती है।
★ इस रिपोर्ट में बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत टॉप पर हैं. यहां तक कि रवांडा और इथियोपिया जैसे देशों के जीएचआई रैंकों में अच्छा सुधार हुआ है।
★ रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के वजह से भूख का संकट चुनौतीपूर्ण हो गया है. इससे विश्व के पिछड़े क्षेत्रों में लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता और बहुत ही मुश्किल हो गई है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स - ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व के विभिन्न देशों में व्यक्तियों के खानपान की स्थिति का डेटा संग्रह किया जाता है. इस इंडेक्स में व्यक्तियों के खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और पोषक तत्वों के अनुपात पर ध्यान दिया जाता है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने में जारी की जाती है।
★ ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ की शुरुआत इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने वर्ष 2006 में की थी. वेल्ट हंगरलाइफ नाम के एक जर्मन संस्था ने साल 2006 में पहली बार ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ जारी किया था।
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