★ 16 अक्टूबर 2019 को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक अपनी ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है.
★ पेरिस में हुई अंतर-सरकारी निकाय एफएटीएफ की बैठक में शामिल 37 में से कुल 36 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया.
★ आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम रहने के कारण पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है.
★ FATF ने पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को खत्म करने हेतु अतिरिक्त सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
★ FATF अब फरवरी 2020 में पाकिस्तान की स्थिति पर अंतिम निर्णय लेगा. ग्रे लिस्ट में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को बहुत नुकसान हो सकता है।
★ ग्रे सूची में डाले गए देशों के ब्लैक लिस्ट होने का खतरा बना रहता है. अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, विश्व बैंक, आईएमएफ, एशियाई विकास बैंक आदि तथा कई देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।
★ ग्रे सूची में डालने के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और देशों से ऋण प्राप्त करने में बड़ी दिक्कत आ सकती है तथा देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी तथा अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है।
★ पाकिस्तान इससे पूर्व भी आतंकवाद को आर्थिक मदद देने के कारण वर्ष 2012 से वर्ष 2015 तक FATF के 'ग्रे लिस्ट' में शामिल रह चुका है।
(FATF) - फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतर-सरकारी निकाय है. यह फोर्स वर्ष 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग को रोकने समेत अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने हेतु स्थापित किया गया है।
★ 2001 में FATF का कार्यक्षेत्र विस्तारित करके इसमें आतंकवाद को धन मुहैया कराने के विरुद्ध नीतियाँ बनाना भी शामिल कर लिया गया था। FATF का सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के मुख्यालय में है।
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