रविवार, 28 जून 2020

‘हिम विजय’

★ 07 अक्टूबर 2019 को अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना ने अपना सबसे बड़ा पर्वतीय युद्धाभ्यास 'हिम विजय' आयोजित किया है।
★ पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह की यह पहली अभ्यास है. यह युद्धाभ्यास तवांग के आस-पास अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न चरणों में आयोजित किया गया।
★ इस युद्धाभ्यास का पहला चरण 07 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2019 के बीच तथा दूसरा चरण 20 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2019 के बीच आयोजित किया गया.इस युद्धाभ्यास का समापन 25 अक्टूबर को किया गया।
★ इस तरह का अभ्यास कठिन इलाके में सैनिकों की गतिशीलता तथा संचार का परीक्षण करने हेतु किया जाता है।
★ यह युद्धाभ्यास 14000 फुट की ऊंचाई पर तीन युद्ध समूह में आयोजित किया गया. प्रत्येक समूह में चार हजार सैनिकों को शामिल किया गया।
★ यह भारतीय रक्षा के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा सैन्य युद्धाभ्यास है. यह युद्धाभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से भारतीय क्षेत्र में 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर किया गया है। 
★ इस युद्धाभ्यास में दो प्रकार का अभ्यास शामिल है. पहला अभ्यास में पहाड़ पर हमला तथा दूसरा हवाई हमला शामिल है।
★ इस अभ्यास में वायु सेना को 15 हजार फीट तक के इलाके में सैनिकों तथा उपकरणों को स्थानांतरित करना होता है।
★ पर्वतीय सैन्य शक्ति को अधिक प्रभावी बनाने हेतु इसमें एक यूनिट इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीजी) की बनाई गई. प्रत्येक आईबीजी में करीब 5000 जवान शामिल होते है. जबकि इसकी कमान मेजर जनरल रैंक के अधिकारी के पास होता है।
★ चीन ने इस युद्धाभ्यास का विरोध किया, क्योंकि चीन अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े भाग को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है।
★ भारत एवं चीन की सीमारेखा में से करीब 1126 किमी तिब्बत तथा अरुणाचल प्रदेश के बीच स्थित है।

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