रविवार, 28 जून 2020

करतारपुर कॉरिडोर समझौता

★ 24 अक्टूबर 2019 को भारत और पाकिस्तान ने  करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये है।
★ भारत और पाकिस्तान के अधिकारी जीरो प्वाइंट पर पहुंचे तथा वहां समझौते पर हस्ताक्षर किये।
★ भारतीय प्रतिनिधि का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने किया तथा पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल मौजूद थे।
★ 09 नवंबर 2019 को इस कॉरिडोर का उद्धघाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे।
★ पाकिस्तान ने प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब में माथा टेकने की इजाजत दी है।
★ सभी भारतीय एवं भारतीय मूल के श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग कर सकेंगे।
★ श्रद्धालु करतारपुर की वीजा फ्री यात्रा कर सकेंगे. उन्हें बस एक वैध पासपोर्ट की जरुरत पड़ेगी।
★ श्रद्धालु अपने साथ अधिकतम 11 हजार रुपये और सात किलोग्राम का एक बैगेज ले जा सकेंगे. श्रद्धालु को गुरुद्वारा से आगे जाने की इजाज़त नहीं होगी।
★ श्रद्धालु अपनी यात्रा सुबह प्रारंभ करेंगे तथा उन्हें उसी दिन वापस लौटना होगा. यह कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा. यह केवल कुछ चुनिंदा दिनों में ही बंद रहेगा. इसकी घोषणा पहले कर दी जायेगी।
★ श्रद्धालुओं का पहला जत्था 5 नवंबर 2019 को और दूसरा जत्था 6 नवंबर 2019 को रवाना होगा।
★ पाकिस्तान ने भारत से करतारपुर गुरुद्वारा आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु पर 20 डॉलर (लगभग 1420 रुपए) का सर्विस शुल्क लगाने की पेशकश की. अब श्रद्धालुओं को करतारपुर जाने हेतु 20 डॉलर चुकाने होंगे।
★ करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक है. करतारपुर साहिब सिखों के पहले गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था।
★ गुरुनानक देव ने यहां अपनी जिंदगी के अंतिम 18 साल बिताए थे. उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था. इस वजह से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है।

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