- 65 वर्ष की अवस्था में बहादुरशाह प्रथम मुग़ल सम्राट बना, बहादुरशाह प्रथम शांतिप्रिय और मिलनसार स्वभाव का शासक था और उसने अपनी इसी शांतिप्रिय नीति और मिलनसार स्वभाव के कारण शाही दरबार के अधिकांश गुटों का सहयोग प्राप्त कर लिया था।
- बहादुरशाह प्रथम ने मराठों और राजपूतों के प्रति मैत्रीपूर्ण नीति अपनायी।
- बहादुरशाह प्रथम ने 1683 में शम्भाजी के पुत्र शाहू को मुगल कैद से आजाद कर दिया।
- बहादुरशाह प्रथम ने औरंगजेब द्वारा लगाये गये घृणित जजिया कर की वसूली बंद करवा दी थी।
- 27 फरवरी, 1712 ई० को सिक्ख नेता बंदाबहादुर के विरुद्ध एक सैन्य अभियान के दौरान बहादुरशाह प्रथम की मृत्यु हो गई।
- सर सिडनी ओवेन ने बहादुरशाह की मृत्यु पर कहा कि "यह अंतिम मुगल सम्राट था जिसके बारे में कुछ अच्छे शब्द कहे जा सकते हैं।"
- बंदाबहादुर से पूर्व सिक्खों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह को संतुष्ट करने के लिए बहादुरशाह प्रथम ने गुरु के सम्मान में खिलअत तथा उच्च मनसब प्रदान किया था ।
- बहादुरशाह प्रथम के पश्चात् मुगल साम्राज्य का तीव्रगामी और पूर्ण पतन मुगल सम्राटों की राजनैतिक तुच्छता और शक्तिहीनता का द्योतक था।
- इतिहासकार खफी खां ने कहा कि बहादुरशाह प्रथम राजकीय कार्यों में इतना अधिक लापरवाह था कि लोग उसे शाहे बेखबर कहने लगे।
- 1712 ई० में बहादुरशाह प्रथम की मृत्यु के बाद जहांदारशाह अगला मुगल बादशाह बना।
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