- रॉबर्ट क्लाइव जो मद्रास की काउंसिल की सेवा में था, वह बाद में तकनीकी रूप से वह मद्रास का गवर्नर बन गया था।
- 1758 में उसे बंगाल के गवर्नर का पद प्राप्त हो गया था।
- फरवरी, 1760 में रॉबर्ट क्लाइव कुछ महीने के लिए गवर्नर का दायित्व हॉलवेल को सौंप कर इंग्लैण्ड वापस चला गया।
- हॉलवेल ने मीरजाफर को पदमुक्त करने की योजना बनायी।
- हॉलवेल की योजना को प्रयोग में लाने के लिए बंगाल के अगले गवर्नर बेन्सी टार्ट ने प्रयास किया।
- 27 सितम्बर, 1760 को बेन्सी टार्ट और मीरकासिम के बीच एक गुप्त संधि हुई, जिसके अन्तर्गत व्यवस्था की गई थी कि बर्दवान, मिदनापुर और चटगाँव की जमींदारी कंपनी को सौंप कर मीरकासिम नायब सूबेदार के रूप में बंगाल की वास्तविक सत्ता का प्रयोग करे तथा मीरजाफर अपने पद पर बना रहे।
- मीरजाफर को संधि के द्वारा दी गई व्यवस्था स्वीकार्य नहीं थी, अतः अंग्रेजी सेना ने मुर्शिदाबाद स्थित जाफर के महल पर अधिकार कर लिया परिणामस्वरूप नवाब ने पद त्याग दिया।
- इस घटना को 'बंगाल की दूसरी क्रांति' (1760) के नाम से जाना जाता है।
बंगाल में द्वैध शासन
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें