- 1759 ई० में आलमगीर द्वितीय की हत्या के बाद अलीगौहर शाहआलम द्वितीय की उपाधि के साथ अगला मुगल बादशाह बना।
- शाहआलम द्वितीय और उसके उत्तराधिकारी केवल नाम मात्र के ही बादशाह थे और अपने अमीरों, मराठों अथवा अंग्रेजों के हाथ की कठपुतलियां थे।
- 1764 ई० में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े गये निर्णायक 'बक्सर के युद्ध' में शाहआलम द्वितीय ने बंगाल के अपदस्थ नवाब मीरकासिम का साथ दिया, इस युद्ध में कासिम की ओर से अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने भी हिस्सा लिया।
- बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों से पराजित होने के बाद शाहआलम द्वितीय को 1765 ई० ईस्ट इंडिया कंपनी से इलाहाबाद की संधि करनी पड़ी, जिसके बाद उसे कई वर्षों तक इलाहाबाद में अंग्रेजों का पेंशनयाफ्ता बन कर रहना पड़ा।
- 1772 ई० में मराठा सरदार महादजी सिंधिया ने पेंशनभोगी शाहआलम द्वितीय को एक बार फिर राजधानी दिल्ली के मुगल सिंहासन पर बैठाया।
- 1780 में रुहेला सरदार गुलाम कादिर ने सम्राट को अंधा कर दिया तथा 1806 में शाहआलम की हत्या कर दी गई।
- शाहआलम द्वितीय के समय में दिल्ली पर अंग्रेजों का अधिकार (1803 ई०) हो गया ।
बुधवार, 15 जनवरी 2025
शाहआलम द्वितीय (1759-1806 ई०)
Pariksha Pointer
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