गुरुवार, 23 जनवरी 2025

मीरकासिम (1760-1765 ई०)

 


  • अंग्रेजी सरकार के खर्च में दिन प्रतिदिन हो रही बेतहासा वृद्धि और उसे वहन न कर पाने के कारण मीरजाफर ने अक्टूबर, 1760 ई० में अपने दामाद मीरकासिम के पक्ष में सिंहासन त्याग दिया।
  • मीरकासिम अलीवर्दी के उत्तराधिकारियों में सर्वाधिक योग्य था। राज्यारोहण के तत्काल बाद उसे 1760-61 में मुगल सम्राट शाहआलम द्वारा बिहार पर आक्रमण का सामना करना पड़ा, कंपनी की सेना ने सम्राट को पराजित कर उसकी स्थिति को दयनीय बना दिया।
  • नवाबी पाने के बाद कासिम ने बेंसिटार्ट को 5 लाख, हॉलवेल को 2 लाख, 70 हजार और कर्नल केलॉड को 4 लाख रुपये उपहार स्वरूप प्रदान किया। 
  • कंपनी तथा उसके अधिकारियों को भरपूर मात्रा में धन देकर मीरकासिम अंग्रेजों के हस्तक्षेप से बचने के लिए शीघ्र ही अपनी राजधानी को मुर्शिदाबाद से मुंगेर हस्तांतरित कर लिया।
  • मीरकासिम ने राजस्व प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने एवं आमदनी बढ़ाने हेतु कई उपाय अपनाये जिसमें प्रमुख हैं- अधिक धन वालों का धन जब्त करना, सरकारी खर्च में कटौती, कर्मचारियों की छंटनी, नये जमींदारों से बकाया धन की वसूली आदि।
  • मीरकासिम ने बिहार के नायब सूबेदार रामनारायण को उसके पद से बर्खास्त कर उसकी हत्या करवा दी क्योंकि वह बिहार के आय और व्यय का ब्यौरा देने के लिए तैयार नहीं था।
  • सैन्य व्यवस्था में सुधार करने के उद्देश्य से मीरकासिम ने अपने सैनिकों की संख्या में वृद्धि की, साथ ही उन्हें यूरोपीय ढंग से प्रशिक्षित किया। 
  • इसने अपनी सेना को गुर्गिन खां नामक आर्मेनियाई के नियंत्रण में रखा।
  • मुंगेर में मीरकासिम ने तोपों तथा तोड़ेदार बंदूकों के निर्माण हेतु कारखाने की स्थापना की।
  • 1717 में मुगल बादशाह द्वारा प्रदत्त व्यापारिक फरमान का इस समय बंगाल में दुरुपयोग देखकर नवाब मीरकासिम ने आंतरिक व्यापार पर सभी प्रकार के शुल्कों की वसूली बंद करवा दी। 
  • 1762 में मीरकासिम द्वारा समाप्त की गई व्यापारिक चुंगी और कर का लाभ अब भारतीयों को भी मिलने लगा, पहले यह लाभ 1717 के फरमान द्वारा केवल कंपनी को मिलता था, कंपनी ने नवाब के इस निर्णय को अपने विशेषाधिकार की अवहेलना के रूप में लिया। परिणामस्वरूप संघर्ष की शुरुआत हुई। 
  • 1763 जुलाई में मीरकासिम को कंपनी ने बर्खास्त कर मीरजाफर को पुनः बंगाल का नवाब बना दिया। 
  • 19 जुलाई, 1763 को मीरकासिम और एडम्स के नेतृत्व में 'करवा' नामक स्थान पर करवा का युद्ध हुआ जिसमें मीरकासिम पराजित हुआ।
  • करवा के युद्ध के बाद और बक्सर के युद्ध से पूर्व मीरकासिम को अंग्रेजों ने तीन बार पराजित किया, परिणामस्वरूप कासिम ने मुंगेर छोड़कर पटना में शरण ले ली।
  • बक्सर युद्ध से पूर्व मीरकासिम निम्नलिखित युद्धों में पराजित हुआ- करवा का युद्ध (9 जुलाई, 1763), गीरिया का युद्ध (4-5 सितम्बर, 1763), उधौनला का युद्ध (1763) ।
  • 1763 में हुए पटना हत्याकाण्ड, जिसमें कई अंग्रेज मारे गये थे, इससे मीरकासिम प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा था।
  • अंग्रेजों द्वारा बार-बार पराजित होने के कारण मीरकासिम ने एक सैनिक गठबंधन बनाने की दिशा में प्रयास किया। 
  • कालांतर में मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मीरकासिम ने मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक सैन्य गठबंधन का निर्माण किया।

बक्सर का युद्ध (1764 ई०)

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