गुरुवार, 16 जनवरी 2025

द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-84 ई०)

 


  • द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के समय एक बार फिर हैदर अली ने निजाम और मराठों से अंग्रेजों के विरुद्ध संधि कर ली।
  • 1773 ई० में अंग्रेजों ने मैसूर में स्थित फ्रांसीसी कब्जे वाले माहे पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया जो हैदर के लिए एक खुली चुनौती थी। 
  • 1780 ई० में हैदरअली ने कर्नाटक पर आक्रमण कर द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध की शुरुआत कर दी, हैदर अली ने अंग्रेज जनरल बेली को बुरी तरह परास्त कर आरकाट पर अधिकार कर लिया।
  • 1781 में हैदर का सामना अंग्रेज जनरल आयरकूट से हुआ जिसे वारेन हेस्टिंग्स ने हैदर अली के विरुद्ध भेजा था, आयरकूट ने पोर्टोनोवा के युद्ध में हैदर को परास्त अवश्य किया लेकिन इसका उसे कोई तात्कालिक लाभ नहीं मिला।
  • 1782 ई० में हैदर एक बार फिर अंग्रेजी सेना को पराजित करने में सफल हुआ, लेकिन युद्ध क्षेत्र में घायल हो जाने के कारण 7 दिसम्बर, 1782 को हैदरअली की मृत्यु हो गई। 
  • हैदर की मृत्यु के बाद युद्ध के संचालन का भार उसके पुत्र टीपू सुल्तान पर आ गया, इसने अंग्रेजी सेना के ब्रिगेडियर मैथ्यूज को 1783 ई० में बंदी बना लिया।
  • 1784 ई० तक टीपू ने द्वितीय युद्ध को जारी रखा, अन्ततः दोनों पक्षों में मंगलौर की संधि सम्पन्न हो गई, जिसके तहत दोनों पक्षों ने एक दूसरे के जीते हुए प्रदेशों को वापस कर दिया। 
  • मंगलौर की संधि से असंतुष्ट गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने कहा था कि "यह लार्ड मैकार्टनी कैसा आदमी है, मैं अभी भी विश्वास करता हूँ कि वह संधि के बावजूद भी कर्नाटक को खो देगा।"

टीपू सुल्तान (1782-1799)

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