यूरोपीय वाणिज्यिक कंपनियों का भारत आगमन
- मध्यकालीन भारत और यूरोप के कई देशों के मध्य व्यापारिक सम्बन्ध थे, यह व्यापार मुख्यतः भारत के पश्चिमी समुद्र तट से लाल सागर और पश्चिमी एशिया के माध्यम से होता था।
- यह व्यापार मसालों और विलास की वस्तुओं से जुड़ा था, मसालों की आवश्यकता यूरोप में ठण्डी के दिनों में मांस को सुरक्षित रखने और उसकी उपयोगिता को बढ़ाने के लिए पड़ती थी।
- पुर्तगीज राजकुमार 'हेनरी द नैविगेटर' ने लम्बी समुद्री यात्राओं को संभव बनाने के लिए दिक् सूचक यंत्र तथा नक्षत्र यंत्र के द्वारा गणनाएं करने वाली तालिकाएं सारणियों का निर्माण करवाया, जिससे समुद्र की लंबी यात्राएं संभव हुई।
- 1486 में पुर्तगाली नाविक बार्थोलोम्यो ने उत्तमाशा अंतरीप तथा 1498 में वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की ।
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